ब्लॉग पहेली-२३
इस बार पहचाने उन पांच ब्लॉग का नाम जिस पर प्रस्तुत पोस्ट के अंश हैं ये -
१-धूप मेरे हाथ से जब से फिसल गई जिंदगी से रौशनी उस दिन निकल गई नाव साहिल तक वही लौटी है .
२-जरूर राधा ने मोहिनी डारी है तभी छवि तुम्हारी इतनी मतवाली है जो भी देखे मधुर छवि अपना आप
भुलाता है ये राधे की महिमा न्यारी है ...
३-जबकि अपने देश में लोग इलाज की कमी से मर रहे हों. देश में 7 लाख डाक्टरों की कमी है. लोग मर रहे
हैंमगर डाक्टर विदेश में चले जाते हैं. एक एमबीबीएस डाक्टर की पढ़ाई में एम्स में 1.50 करोड़ रूपये का ख़र्च आता.
४-..कल उंगली से रेत पर तेरी तस्वीर बनाई मैंने... .....एक लहर आई अपने साथ ले गई.. ....
फिर क्या था हर तरफ, हर जगह बस तुम ही तुम..
५-*मित्रों!*** * सात जुलाई, 2009 को यह रचना लिखी थी! इस पर नामधारी ब्लॉगरों के तो मात्र 14 कमेंट आये थे मगर बेनामी लोगों के 137 कमेंट आये।*** * एक बार पुनः इसी रचना ज्यों की त्यों को प्रकाशित कर रहा ..
केवल ब्लॉग का नाम बताएं और विजेता बन जाएँ .
शुभकामनाओं के साथ
शिखा कौशिक
4 टिप्पणियां:
१-स्वप्न मेरे
२-जिंदगी एक खामोश सफर
३-हिन्दी ब्लोगर्स फोरम इंटर नेशनल
४-
५-उच्चारण
1-स्वप्न मेरे
२-जिंदगी एक खामोश सफर
३-हिन्दी ब्लोगेस फोरम इंटरनेशनल
४-बातें
५-उच्चारण
आशा
आज हम डा. दराल साहब की क़ाबिलियत के क़ायल हो गए हैं।
अपने ब्लॉग के अलावा हम नहीं जान पाए कि कौन सी लाइनें किस ब्लाग की हैं ?
इस पहेली के लिए ब्लाग मालिका को और इसे हल करने के लिए डा. दराल साहब को मुबारकबाद.
उम्दा और कामयाब कोशिश.
ऐसी कोशिशें ब्लाग संसार में हल्कापन और ताज़गी लाती हैं.
जय हिन्द !
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